भक्तन के हो सदा सहारे
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मैं पवन सिंह, बाबा की उपस्थिति का प्रत्यक्ष अनुभव करके लौटा हूँ l मैं बाबा पर लखनऊ से कैंची धाम तक स्वेच्छा से एक ट्रेवल शो बना रहा हूँ l
रास्ते भर जो भी मेरी टीम ने अनुभव किया वो अकल्पनीय था मेरे लिए l ये अनुभव 5 और 6 अप्रैल 2018 के हैं l याद करता हूँ तो आँखे नम हो जाती हैं l
जब लखनऊ से हल्द्वानी पहुँचे तब तक शाम के 7:30 बज चुके थे। भवाली पहुँचते-पहुंचते रात के 12 बज चुके थे।
रास्ते पर चाय-पानी और होटल की दुकानें बंद हो चुकी थीं। मैंने और कैमरामैन ने तय किया कि रात में भी पहाड़ के कुछ नजारे, रात में सोया हुआ शहर और ऊंचाई से रात में बिजली की रौशनी से टिमटिमाते पहाड़ी कस्बों व शहरों को शूट करेंगे।